Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanayen) Udyamita Margdarshika (In Hindi) स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़ प्रोजेक्ट्स (लघु, कुटीर व घरेलू उद्योग परियोजनाएं) उद्यमिता मार्गदर्शिका (2nd Revised Edition) ( ) ( Best Seller ) ( ) ( ) ( )
Author NPCS Board of Consultants & Engineers ISBN 9789381039601
Code ENI286 Format Paperback
Price: Rs 950   950 US$ 26   26
Pages: 432 Published 2017
Publisher Niir Project Consultancy Services
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स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़ प्रोजेक्ट्स (लघु, कुटीर व घरेलू उद्योग परियोजनाएं) उद्यमिता मार्गदर्शिका

उद्यम ही सफलता की कुंजी है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति एवं विकास में लघु एवं कुटीर उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे अविकसित क्षेत्रों में जहां औद्योगीकरण अब तक नहीं हो पाया है, लघु, कुटीर एवं घरेलू उद्योग स्थापित करके पूंजी तथा विकास में वृद्धि की जा सकती है। विकासशील देशों के लिए लघु व कुटीर उद्योग बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है क्योंकि इनकी स्थापना कम पूंजी द्वारा की जा सकती है तथा इनके लिए उच्च प्रौद्योगिक शिल्प की आवश्यकता भी नहीं होती। हमारे देश के कुल निर्यात का एक बड़ा भाग लघु उद्योगों से ही प्राप्त होता है। ऐसे में लघु उद्योग की स्थापना करना लाभकारी सिद्ध होगा । लघु उद्योग (Small Scale Industry), स्वरोजगार (Self Employment) व प्रबन्ध क्षेत्रों में मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। लघु, कुटीर व घरेलू उद्योग परियोजनाएं नए उद्यमी व संभावित उद्यमियों को उद्योग - व्यवसाय की स्थापना व संवर्द्धन की दिशा में प्रेरित करती हैं जिससे वे देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान बढ़ा सकें।

स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया

स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया, भारत के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिये सरकार द्वारा चलाया गया नया अभियान है। ये अभियान देश के युवाओं के लिये नये अवसर प्रदान करने के लिये बनाया गया है। ये पहल युवा उद्यमियों को उद्यमशीलता में शामिल करके बहुत बेहतर भविष्य के लिये प्रोत्साहित करेगी। ये पहल भारत का सही दिशा में नेतृत्व के लिये आवश्यक है।

स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना हैं जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़े | यह एक ऐसी योजना हैं जिसके तहत नये छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जायेगा जिसमे ऋण सुविधा, उचित मार्गदर्शन एवं अनुकूल वातावरण आदि को शामिल किया गया हैं।

इस पुस्तक का उद्देश्य प्रशासन द्वारा बनाई गयी उद्योग प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी उद्यमियों तक पहुंचाना है ताकि वे उपलब्ध अवसरों / सुविधाओं का अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य देश में उद्यमिता विकास से संबंधित जानकारियों द्वारा नए उद्यमियों को उद्योग / व्यवसाय स्थापित करने के लिए जानकारी प्रदान करना है तथा कार्यरत लघु उद्यमियों की कार्यकुशलताओं में वृद्धि करना और उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है। प्रस्तुत पुस्तक उन उद्यमियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गयी है जिन्हें औपचारिक औद्योगिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है तथा इस पुस्तक में कम पूंजी से शुरू होने वाले लाभदायक उद्योग का सम्पूर्ण विवरण दिया गया है। इस पुस्तक में लघु क्षेत्र में संचालित होने वाले ऐसे प्रमुख उद्योग के विषय में हर वह जानकारी दी गयी है, जिसकी सहायता से कोई भी व्यक्ति सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकता है। 

इस पुस्तक में प्रोजेक्ट प्रोफाइल्स का विवरण दिया गया है और इन प्रोजेक्ट प्रोफाइल्स के माध्यम से विभिन्न उत्पादों की निर्माण विधि, बाज़ार सर्वेक्षण / संभावनाएं, कर्मचारियों की संख्या, कुल भूमि क्षेत्र, उद्योग को शुरू करने में लगने वाली पूंजी तथा उद्योग से प्राप्त कुल लाभ आदि की जानकारी दी गयी है। साथ ही कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं (Raw Material Suppliers), संयंत्र और मशीनरी के आपूर्तिकर्ताओं (Plant & Machinery Suppliers) के पते तथा चित्र (Photographs) दिए गए है जिससे उद्यमी ज्यादातार लाभ उठा सकें। 

प्रस्तुत पुस्तक में उपलब्ध प्रोजेक्ट प्रोफाइल्स इस प्रकार है :- आटा उत्पादन उद्योग, बेकरी उद्योग, हर्बल शैम्पू उद्योग, सेवई उद्योग, नूडल निर्माण उद्योग, सैनिटरी नैपकिन उद्योग, बिस्कुट उद्योग, कॉर्न (Corn) फ्लैक्स उद्योग, आलू चिप्स उद्योग, मैकरोनी उद्योग, पॉपकॉर्न उद्योग, केक एवं पेस्ट्री उद्योग, आइसक्रीम कोन उद्योग, फिनाइल उद्योग, वर्मीकल्चर उद्योग, लिपस्टिक उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, हवाई चप्पल उद्योग, फेस पाउडर उद्योग, मॉस्किटो कॉयल उद्योग, सर्जिकल कॉटन उद्योग, वुडन टूथपिक उद्योग, डिटर्जेंट पाउडर, मसाला उद्योग आदि। 

नये उद्यमियों, व्यवसायिओं, तकनीकी परामर्शदाताओं आदि के लिए यह पुस्तक अमूल्य मार्गदर्शक सिद्ध होगी।




Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanayen) Udyamita Margdarshika (In Hindi)



The small scale sector is assuming greater importance every day. The small scale sector has played a very important role in the socio-economic development of the country during the past 50 years. It has significantly contributed to the overall growth in terms of the Gross Domestic Product (GDP), employment generation and exports. The Small-Scale Industries (SSI) gathered momentum along with industrialization and economic growth in India. In both the developed and developing countries, the government is turning to small and medium scale industries, as a means of economic development and a veritable means of solving problems. The development of small industries offers an easy and effective means of achieving broad based ownership of industry, the diffusion of enterprise and initiative in the industrial field. It is also a seedbed of innovations, inventions and employment. 

Small Scale Industries guides in Self Employment and Management areas. Small, Cottage and Household Industries / Projects motivates new entrepreneurs and potential entrepreneurs towards the establishment and promotion of the business, So that they could be able to contribute to the economic development of the Country. The major objective of this book is to provide information to entrepreneurs relating to entrepreneurship development in the Country for setting up new Business.



Startup India Stand up

Our Prime Minister unveiled a 19-point action plan for start-up enterprises in India. Highlighting the importance of the Standup India Scheme, Hon’ble Prime minister said that the job seeker has to become a job creator. Prime Minister announced that the initiative envisages loans to at least two aspiring entrepreneurs from the Scheduled Castes, Scheduled Tribes, and Women categories. It was also announced that the loan shall be in the ten lakh to one crore rupee range. 

A startup India hub will be created as a single point of contact for the entire startup ecosystem to enable knowledge exchange and access to funding. Startup India campaign is based on an action plan aimed at promoting bank financing for start-up ventures to boost entrepreneurship and encourage startups with jobs creation. 

Startup India is a flagship initiative of the Government of India, intended to build a strong ecosystem for nurturing innovation and Startups in the country. This will drive sustainable economic growth and generate large scale employment opportunities. The Government, through this initiative aims to empower Startups to grow through innovation and design.

What is Startup India offering to the Entrepreneurs

Stand up India backed up by Department of Financial Services (DFS) intents to bring up Women and SC/ST entrepreneurs. They have planned to support 2.5 lakh borrowers with Bank loans (with at least 2 borrowers in both the category per branch) which can be returned up to seven years.

PM announced that “There will be no income tax on startups’ profits for three years”

PM plans to reduce the involvement of state government in the startups so that entrepreneurs can enjoy freedom.

No tax would be charged on any startup up to three years from the day of its establishment once it has been approved by Incubator.

 

The book contains processes formulae, brief profiles of various projects which can be started in small investment without much technical knowledge at small place and providing information regarding manufacturing method of various products, market survey, total land area and total capital required to start new industry. This book contains the addresses of raw material suppliers, plant & machinery suppliers with their photographs.


The book explains about business planning, assisting institutions available for small scale businesses, registration of small scale business, choosing right location, availability of raw materials and more aspects that will help start and maintain a new business. Some of the important projects described in the book are Flour Production, Bakery Industry, Herbal Shampoo Industry, Vermicelli Industry, Noodle making Industry, Sanitary Napkin, Biscuit Industry, Corn Flakes Production, Potato Chips, Macaroni, Popcorn, Cake & Pastry, Vermiculture Industry, Ice Cream Cone Industry, Lipstick Industry, Agarbatti Production, Face Powder, Mosquito Coil, Surgical Cotton, Wooden Toothpick, Detergent Powder and Spices. 

This book is very useful to those who want to become an entrepreneur, professional and for libraries. 

 

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स्वरोजगार बेहतर भविष्य का नया विकल्प, अमीर बनने के तरीके, अवसर को तलाशें, आखिर गृह और कुटीर उद्योग कैसे विकसित हो, आधुनिक कुटीर एवं गृह उद्योग, आप नया करोबार आरंभ करने पर विचार कर रहे हैं, उद्योग से सम्बंधित जरुरी जानकारी, औद्योगिक नीति, कम पूंजी के व्यापार, कम पैसे के शुरू करें नए जमाने के ये हिट कारोबार, कम लागत के उद्योग, कम लागत वाले व्यवसाय, कम लागत वाले व्यवसाय व्यापार, कारोबार बढाने के उपाय, कारोबार योजना चुनें, किस वस्तु का व्यापार करें किससे होगा लाभ, कुटीर उद्योग, कुटीर और लघु उद्यमों योजनाएं, कैसे उदयोग लगाये जाये, कौन सा व्यापार करे, कौन सा व्यापार रहेगा आपके लिए फायदेमंद, क्या आप अपना कोई नया व्यवसाय, व्यापारकारोबार, स्वरोजगार, छोटा बिजनेस, उद्योग, शुरु करना चाहते हैं?, क्या आपको आर्थिक स्वतंत्रता चाहिए, क्या व्यापार करे, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु स्थापना, छोटा कारोबार शुरु करें, छोटे पैमाने की औद्योगिक इकाइयाँ, छोटे मगर बड़ी संभावना वाले नए कारोबार, छोटे व्यापार, नया कारोबार, नया बिजनेस आइडिया, नया व्यवसाय शुरू करें और रोजगार पायें, नया व्यापार, परियोजना प्रोफाइल, भारत के लघु उद्योग, भारत में नया कारोबार शुरू करना, रोजगार के अवसर, लघु उद्योग, लघु उद्योग की जानकारी, लघु उद्योग के नाम, लघु उद्योग के बारे, लघु उद्योग माहिती व मार्गदर्शन, लघु उद्योग यादी, लघु उद्योग शुरू करने सम्बन्धी उपयोगी, लघु उद्योग सूची, लघु उद्योगों का वर्गीकरण, लघु उद्योगों की आवश्यकता, लघु उद्योगों के उद्देश्य, लघु उद्योगों के प्रकार, लघु उधोग की जानकारी, लघु एवं कुटीर उद्योग, लघु कुटीर व घरेलू उद्योग परियोजनाएं, व्यवसाय लिस्ट, व्यापार करने संबंधी, व्यापार के प्रकार, सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों, स्टार्ट अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप क्या है, स्टार्टअप योजना, स्वरोजगार, स्वरोजगार के अवसर, स्वरोज़गार परियोजनाएं, लघु उद्योगों की सम्पूर्ण जानकारी की किताब, सफल उद्योगों की गाइड, क्या आप खुद का बिज़नस करना चाहते हैं, लघु उद्योगों की विस्तृत जानकारी


 

1.  लघु उद्योग         

2.  स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया

3.  लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया         

4.   व्यवसाय का प्रारूप या उद्योगों का स्वामित्व             

5.   लघु उद्योग स्थापनार्थ सहायक संस्थायें     

6.    प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने

संबंधी नियम-प्रक्रिया       

7.  आटा उत्पादन उद्योग     

8.   बेकरी उद्योग     

9.    हर्बल शैम्पू उद्योग            

10.   सेवई उद्योग       

11.   नूडल निर्माण उद्योग       

12.    सैनिटरी नैपकिन उद्योग

13.    बिस्कुट उद्योग 

14.    मक्के फ्लेक्स(Corn Flakes)

15.  आलू चिप्स उद्योग           

16.  मैकरोनी (गोल्ड फिंगर) उद्योग                     

17.   पॉपकॉर्न  उद्योग             

18.   केक एवं पेस्ट्री उद्योग      

19.  फिनायल उद्योग               

20.  वर्मीकल्चर उद्योग           

21.  आइसक्रीम कोन उद्योग  

22.   लिपस्टिक (Lipstick) उद्योग         

23.   अगरबत्ती उद्योग            

24.    हवाई चप्पल उद्योग         

25.    फेस पाउडर उद्योग           

26.    मॉस्किटो कॉइल उद्योग (Mosquito Coil)              

27.    सर्जिकल काटन उद्योग  

28.    वुडन टूथपिक उद्योग (Toothpick)              

29.     डिटरजेंट पाउडर (Detergent Powder)       

30.     मसाला उद्योग (Spices) 

31.      Addresses of Raw Material Suppliers     

32.      Addresses of Plant & Machinery Suppliers          

33.      Machinery Photographs              

34.      Raw Material Photographs         

35.      Product Photographs 

बिस्कुट उद्योग बिस्कुट बेकरी उद्योग का एक महत्वपूर्ण उत्पाद माना जाता है। वर्तमान पफास्ट पूफड इण्डस्ट्री के अन्तर्गत बिस्कुट, केक, डबलरोटी, पेस्ट्री आदि बहुत महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ बन गये हैं। इस उद्योग से कई लोगों को रोजगार मिल जाता है। वर्तमान मांग और अच्छे लाभ के कारण करोड़ों की पूंजी केवल इस बिस्कुट उद्योग में लगी हुई हैै। विगत कुछ दशकों में जनसंख्या की वृि( रहन-सहन के बढ़ते सतर और तीव्र शहरीकरण के साथ बिस्कुट की लोकप्रियता कापफी बढ़ गयी है। यह बहुत ही उपयुक्त तथा स्वास्थ्यव(र्क खाद्य पदार्थ है। जिसके कारण इसे सामान्य ब्रेक पफास्ट में उपयोग किया जाता है। बिस्कुट उद्योग थोड़ी पूंजी से भी शुरू किया जा सकता है जिससे सस्ते मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता के बिस्कुट की आपूर्ति की जा सकती है। लघु उद्योग कठिन प्रतिस्प(ार् के बावजूद भी आगे बढ़ रहा है। यह उद्योग सरकार द्वारा लघु उद्योगों में स्थापित करने के लिए आरक्षित कर दिया गया है। देश के कई भागों में आज भी बिस्कुट का निर्माण परंपरागत विधि से किया जाता है। बिस्कुट बनाने के स्वचालित संयंत्राों के उपलब्ध होने के बावजूद आज भी लोगों की बड़ी संख्या खासकर अ(र् शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्राों के लोग स्थानीय बेकरियों से ताजे बिस्कुट ही खरीदने को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये बिस्कुट कीमत में अपेक्षाकृत सस्ते होने के साथ ही स्थानीय लोगों की पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकारों में बनाए जाते हैं। मार्केट सर्वेक्षण बिस्कुट का बाजार देश भर में पैफला है। अतः इसका उपयोग बहुत ही सामान्य हो गया है। बिस्कुट का उपयोग सरकारी विभागों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत वितरित करने के लिए भी किया जाता है। कुछ सरकारी विभाग जैसेµरेलवे, पर्यटन, रक्षा आदि बिस्कुट के थोक उपभोक्ता हैं तथा निजी क्षेत्राों में जैसे कैंटीन तथा चाय की दुकानों में बिस्कुट की थोक में खपत होती हैै। शहरी बाजार पर विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्राीय ब्रांडस का प्रभुत्व है। परन्तु इसके बावजूद भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप तथा कीमत में सस्ता होने आदि जैसे विशेषताओं के कारण कई स्थानीय निर्माताओं के उत्पाद भी कापफी प्रसि( हैं। बिस्कुट की दिन-प्रतिदिन बढ़ती मांग तथा मार्केट में नियमित खपत से इस उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है। अतः सुव्यवस्थित योजना से यह उद्योग स्थापित करके अच्छा मुनापफा तथा प्रसिि( प्राप्त की जा सकती है। कच्चा सामान साधारण प्रकार के बिस्कुट निम्नलिखित पफार्मले के अनुसार खाद्य वस्तुओं को मिलाकर बनाये जाते हैंःµ उत्तम क्वालिटी के बिस्कुट बनाने का पफार्मूला ग्राम १. गेहूं का आटा २०० २. चीनी ६२ ३. दूध/मक्खन ५० ४. बेकिंग पाउडर ११.० ५. नमक २.० ६. मिल्क पाउडर ११.० ७. सुगन्ध ०.५ ८ अण्डे आवश्यकतानुसार ९. यीस्ट २.६ १०. खाने वाले रंग ०.२ ११. ग्लूकोस २०.० निर्माण प्रक्रिया उत्तम क्वालिटी के बिस्कुट बनाने के लिए गेहूँ के आटे में थोड़ा अरारोट मिलाया जाता है। इसके बाद इसमें बेकिंग पाउडर मिलाकर मक्खन व घी मिला दिया जाता है। इस मिश्रण को गूँधते हैं। अन्त में इस मिश्रण में चीनी, दूध या पानी तथा यदि आवश्यक हो तो पेफंटा हुआ अंडा मिलाकर इसे तब तक गूँधा जाता है। जब तक कि यह बहुत नरम, मुलायम और लोचदार न बन जाए। इस काम के लिए गूँधने वाली मशीन का प्रयोग किया जाता है। इस मशीन में अन्य पदार्थों के साथ मिला हुआ आटा भर दिया जाता है जिसे मशीन के अन्दर के ब्लेड उलट-पुलट करके अच्छी तरह गूँध देते हैं। अब इस गूँधे हुए आटे को पत्थर की स्लैब पर बेलकर उचित आकार की बड़ी रोटी शीट जैसी बना ली जाती है और अब इसमें से बिस्कुट कटर द्वारा गोल या चौकोर बिस्कुट काट लिए जाते हैं। बिस्कुट कटर्स में ही उन पर एनग्रेविंग किया जाता है जिससे बिस्कुट पर ट्रेड मार्क या डिजाइन आदि बन जाते हैं। इन बिस्कुटों को इस ‘शीट' में से काटा नहीं जाता बल्कि यह एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। जिससे इस को एक साथ ही भट्टी से सेंका जा सके। इन ‘शीटों' को जिस टीन की चादरों पर रख कर सेंका जाता है, उन पर थोड़ा सूखा आटा डाल देते हैं, जिससे सिंकने पर बिस्कुट टीन की चादर पर चिपके न रहें। भट्टी का तापक्रम लगभग २३०ह् सेंटीग्रेड होना चाहिए। ऑटोमेटिक ओवन में बिस्कुटों के सेंकने में १२ से १५ मिनट का ही समय लगता है। साधारण बिस्कुट बनाने की विधि साधारण बिस्कुट बनाने के लिए आगे दी गयी विधि के अनुसार उनका आटा गूंधकर तथा उस गूंधे हुए आटे को लम्बी-लम्बी रोटियों में बेल लिया जाता है तथा बिस्कुट आने के साँचे की सहायता से इन रोटियों को बिस्कुट की शक्ल के टुकड़े में काट लिया जाता है। इसके पश्चात् इन टुकड़ों को, बिस्कुट सेंकने की ट्रे में एक लाइन से रखकर, आवश्यकतानुसार सेंक लगायी जाती है। जब भट्टी में रखे हुए बिस्कुट ठीक सिंक जाते हैं तो तैयार माल बाहर निकाल लिया जाता है। इसी क्रम से जितना माल बनाना हो बनाया जा सकता है। नोटः एक बार तपाई हुई भट्ठी लगभग ७ या ८ घंटे तक गरम रहती है और माल तैयार कर सकती है। माल को भट्टी के अन्दर पहुँचने और पक चुकने के बाद बाहर निकलने के लिए, लोहे के लम्बे डण्डे का एक खुरपा-सा काम में लाया जाता है, जिसमें आगे की तरपफ लगभग डेढ़ या २ पुफट लम्बी-चौड़ी एक प्लेट-सी ;लोहे की मजबूत प्लेट से बनी हुईद्ध लगी रहती है, इसी के सहारे माल को भट्टी के अन्दर पहुँचाया जाता है और जब माल पक चुकता है तो उसे बाहर निकाल लिया जाता है। बिस्कुट सेंकने की प्लेटेंः साधारणतः ये प्लेटें टीन की चादरों से बनायी जाती हैं और आमतौर से लगभग १ पुफट चौड़ी, १ पुफट लम्बी तथा २ इंजच ऊँचे साइज की बनवायी जाती हैं। विशेष प्रचलित साइज की एक साधारण भट्टी में, ऐसी १० अदद ट्रे ;प्लेटेंद्ध एक साथ रखकर, माल सेंका, या पकाया जा सकता है। बिस्कुट बनाने के पफार्मूलेः मार्केट में भिन्न-भिन्न प्रकार के बिस्कुट अलग-अलग पफार्मूलों से तैयार हुए मिश्रण से बनाये जाते हैं। उत्पादक मार्केट की मांग के अनुसार माल तैयार करा सकते हैं। आटा या मैदा ५०० ग्राम चीनी ;पिसी हुईद्ध २०० ग्राम घी/मक्खन २५० ग्राम अरारोट ५ ग्राम नमक १० ग्राम निर्माण विधि बिस्कुट बनाने के लिए पहले आटा या मैदा छान लें। इसके बाद इसमें पिसी हुई चीनी मिलाकर अच्छी तरह मिला लें। पिफर इस मिश्रण में खाने का सोडा भी मिला लें। इसके पश्चात् घी को पिघलाकर थोड़ा-थोड़ा करके इस मिश्रण में डालते जाँये। इस सारे मिश्रण को आटे की तरह गूँध लें। परन्तु यह बात ध्यान में रखें कि इसे गूँधते समय पानी की जगह, घी तथा दूध आदि का इस्तेमाल करें। आटा गूँधते समय यह बात ध्यान में रखें कि इसे रोटियों के आटे की अपेक्षा कुछ सख्त गूँधना चाहिए। आटा गूँधने के पश्चात् बेलन आदि की सहायता से इसकी बड़ी-बड़ी तथा लम्बी-लम्बी रोटियाँ बेल लें। इन रोटियों की मोटाई लगभग चौथाई इंच रखनी चाहिए। इसके पश्चात् बिस्कुट काटने के साँचे की सहायता से इन रोटियों में से, बिस्कुटों की आकृति के टुकड़े काट लें। अब इन टुकड़ों को टीन की प्लेट में क्रमवार लाइन से रखकर भट्टी में पका लें। जब इस ट्रे में रखे हुए बिस्कुट पक जाएँ तो इस तैयार माल को भट्टी से बाहर निकालें और पिफर नया माल पकने के लिए रखें। आय-व्यय योजना वार्षिक : बिस्कुट उद्योग १. उत्पादन क्षमता २ टन प्रतिदिन २. निर्मित भूमि ३०० वर्ग मीटर ३. कुल कर्मचारियों की संख्या २४ ४. मशीन और उपकरण ५९.३५ लाख ५. कुल अचल पूंजी लागत ८६.१० लाख ६. कार्यशील पूंजी मार्जिन ६.२८ लाख 

ABOUT NPCS

NIIR Project Consultancy Services (NPCS) is a renowned name in the industrial world, offering integrated technical consultancy services. Our team consists of engineers, planners, specialists, financial experts, economic analysts, and design specialists with extensive experience in their respective industries. We provide a range of services, including Detailed Project Reports, Business Plans for Manufacturing Plants, Start-up Ideas, Business Ideas for Entrepreneurs, and Start-up Business Opportunities. Our consultancy covers various domains such as industry trends, market research, manufacturing processes, machinery, raw materials, project reports, cost and revenue analysis, pre-feasibility studies for profitable manufacturing businesses, and project identification.

Our Services

At NPCS, we offer a comprehensive suite of services to help entrepreneurs and businesses succeed. Our key services include:

  • Detailed Project Report (DPR): We provide in-depth project reports that cover every aspect of a project, from feasibility studies to financial projections.
  • Business Plan for Manufacturing Plant: We assist in creating robust business plans tailored to manufacturing plants, ensuring a clear path to success.
  • Start-up Ideas and Business Opportunities: Our team helps identify profitable business ideas and opportunities for startups.
  • Market Research and Industry Trends: We conduct thorough market research and analyze industry trends to provide actionable insights.
  • Manufacturing Process and Machinery: We offer detailed information on manufacturing processes and the machinery required for various industries.
  • Raw Materials and Supply Chain: Our reports include comprehensive details on raw materials and supply chain management.
  • Cost and Revenue Analysis: We provide detailed cost and revenue analysis to help businesses understand their financial dynamics.
  • Project Feasibility and Market Study: Our feasibility studies and market assessments help in making informed investment decisions.
  • Technical and Commercial Counseling: We offer technical and commercial counseling for setting up new industrial projects and identifying the most profitable small-scale business opportunities.

Publications

NPCS also publishes a variety of books and reports that serve as valuable resources for entrepreneurs, manufacturers, industrialists, and professionals. Our publications include:

  • Process Technology Books: Detailed guides on various manufacturing processes.
  • Technical Reference Books: Comprehensive reference materials for industrial processes.
  • Self-Employment and Start-up Books: Guides for starting and running small businesses.
  • Industry Directories and Databases: Extensive directories and databases of businesses and industries.
  • Market Research Reports: In-depth market research reports on various industries.
  • Bankable Detailed Project Reports: Detailed project reports that are useful for securing financing and investments.

Our Approach

Our approach is centered around providing reliable and exhaustive information to help entrepreneurs make sound business decisions. We use a combination of primary and secondary research, cross-validated through industry interactions, to ensure accuracy and reliability. Our reports are designed to cover all critical aspects, including:

  • Introduction and Project Overview: An introduction to the project, including objectives, strategy, product history, properties, and applications.
  • Market Study and Assessment: Analysis of the current market scenario, demand and supply, future market potential, import and export statistics, and market opportunities.
  • Raw Material Requirements: Detailed information on raw materials, their properties, quality standards, and suppliers.
  • Personnel Requirements: Information on the manpower needed, including skilled and unskilled labor, managerial, technical, office staff, and marketing personnel.
  • Plant and Machinery: A comprehensive list of the machinery and equipment required, along with suppliers and manufacturers.
  • Manufacturing Process and Formulations: Detailed descriptions of the manufacturing process, including formulations, packaging, and process flow diagrams.
  • Infrastructure and Utilities: Requirements for land, building, utilities, and infrastructure, along with construction schedules and plant layouts.

Financial Details and Analysis

Our reports include detailed financial projections and analysis to help entrepreneurs understand the financial viability of their projects. Key financial details covered in our reports include:

  • Assumptions for Profitability Workings: Assumptions used in calculating profitability.
  • Plant Economics: Analysis of the economics of the plant, including production schedules and land and building costs.
  • Production Schedule: Detailed production schedules and timelines.
  • Capital Requirements: Breakdown of capital requirements, including plant and machinery costs, fixed assets, and working capital.
  • Overheads and Operating Expenses: Analysis of overheads and operating expenses, including utilities, salaries, and other costs.
  • Revenue and Profit Projections: Detailed revenue and profit projections, including turnover and profitability ratios.
  • Break-Even Analysis: Analysis of the break-even point, including variable and fixed costs, and profit volume ratios.

Reasons to Choose NPCS

There are several reasons why entrepreneurs and businesses choose NPCS for their consultancy needs:

  • Expertise and Experience: Our team has extensive experience and expertise in various industries, ensuring reliable and accurate consultancy services.
  • Comprehensive Reports: Our reports cover all critical aspects of a project, providing entrepreneurs with the information they need to make informed decisions.
  • Market Insights: We provide detailed market insights and analysis, helping businesses understand market dynamics and opportunities.
  • Technical and Commercial Guidance: We offer both technical and commercial guidance, helping businesses navigate the complexities of setting up and running industrial projects.
  • Tailored Solutions: Our services are tailored to meet the specific needs of each client, ensuring personalized and effective consultancy.

Market Survey cum Detailed Techno Economic Feasibility Report

Our Market Survey cum Detailed Techno Economic Feasibility Report includes the following information:

  • Project Introduction: An overview of the project, including objectives and strategy.
  • Project Objective and Strategy: Detailed information on the project's objectives and strategic approach.
  • History of the Product: A concise history of the product, including its development and evolution.
  • Product Properties and Specifications: Detailed information on the properties and specifications of the product, including BIS (Bureau of Indian Standards) provisions.
  • Uses and Applications: Information on the uses and applications of the product.

Market Study and Assessment

  • Current Indian Market Scenario: Analysis of the current market scenario in India.
  • Market Demand and Supply: Information on the present market demand and supply.
  • Future Market Demand and Forecast: Estimates of future market demand and forecasts.
  • Import and Export Statistics: Data on import and export statistics.
  • Market Opportunity: Identification of market opportunities.

Raw Material Requirements

  • List of Raw Materials: Detailed list of raw materials required.
  • Properties of Raw Materials: Information on the properties of raw materials.
  • Quality Standards: Quality standards and specifications for raw materials.
  • Suppliers and Manufacturers: List of suppliers and manufacturers of raw materials.

Personnel Requirements

  • Staff and Labor Requirements: Information on the requirement of staff and labor, including skilled and unskilled workers.
  • Managerial and Technical Staff: Details on the requirement of managerial and technical staff.
  • Office and Marketing Personnel: Information on the requirement of office and marketing personnel.

Plant and Machinery

  • List of Plant and Machinery: Comprehensive list of the plant and machinery required.
  • Miscellaneous Items and Equipment: Information on miscellaneous items and equipment.
  • Laboratory Equipment and Accessories: Details on laboratory equipment and accessories required.
  • Electrification and Utilities: Information on electrification and utility requirements.
  • Maintenance Costs: Details on maintenance costs.
  • Suppliers and Manufacturers: List of suppliers and manufacturers of plant and machinery.

Manufacturing Process and Formulations

  • Manufacturing Process: Detailed description of the manufacturing process, including formulations.
  • Packaging Requirements: Information on packaging requirements.
  • Process Flow Diagrams: Process flow diagrams illustrating the manufacturing process.

Infrastructure and Utilities

  • Project Location: Information on the project location.
  • Land Area Requirements: Details on the requirement of land area.
  • Land Rates: Information on land rates.
  • Built-Up Area: Details on the built-up area required.
  • Construction Schedule: Information on the construction schedule.
  • Plant Layout: Details on the plant layout and utility requirements.

Project at a Glance

Our reports provide a snapshot of the project, including:

  • Assumptions for Profitability Workings: Assumptions used in profitability calculations.
  • Plant Economics: Analysis of the plant's economics.
  • Production Schedule: Detailed production schedules.
  • Capital Requirements: Breakdown of capital requirements.
  • Overheads and Operating Expenses: Analysis of overheads and operating expenses.
  • Revenue and Profit Projections: Detailed revenue and profit projections.
  • Break-Even Analysis: Analysis of the break-even point.

Annexures

Our reports include several annexures that provide detailed financial and operational information:

  • Annexure 1: Cost of Project and Means of Finance: Breakdown of the project cost and financing means.
  • Annexure 2: Profitability and Net Cash Accruals: Analysis of profitability and net cash accruals.
  • Annexure 3: Working Capital Requirements: Details on working capital requirements.
  • Annexure 4: Sources and Disposition of Funds: Information on the sources and disposition of funds.
  • Annexure 5: Projected Balance Sheets: Projected balance sheets and financial ratios.
  • Annexure 6: Profitability Ratios: Analysis of profitability ratios.
  • Annexure 7: Break-Even Analysis: Detailed break-even analysis.
  • Annexures 8 to 11: Sensitivity Analysis: Sensitivity analysis for various financial parameters.
  • Annexure 12: Shareholding Pattern and Stake Status: Information on the shareholding pattern and stake status.
  • Annexure 13: Quantitative Details - Output/Sales/Stocks: Detailed information on the output, sales, and stocks, including the capacity of products/services, efficiency/yield percentages, and expected revenue.
  • Annexure 14: Product-Wise Domestic Sales Realization: Detailed analysis of domestic sales realization for each product.
  • Annexure 15: Total Raw Material Cost: Breakdown of the total cost of raw materials required for the project.
  • Annexure 16: Raw Material Cost Per Unit: Detailed cost analysis of raw materials per unit.
  • Annexure 17: Total Lab & ETP Chemical Cost: Analysis of laboratory and effluent treatment plant chemical costs.
  • Annexure 18: Consumables, Store, etc.: Details on the cost of consumables and store items.
  • Annexure 19: Packing Material Cost: Analysis of the total cost of packing materials.
  • Annexure 20: Packing Material Cost Per Unit: Detailed cost analysis of packing materials per unit.
  • Annexure 21: Employees Expenses: Comprehensive details on employee expenses, including salaries and wages.
  • Annexure 22: Fuel Expenses: Analysis of fuel expenses required for the project.
  • Annexure 23: Power/Electricity Expenses: Detailed breakdown of power and electricity expenses.
  • Annexure 24: Royalty & Other Charges: Information on royalty and other charges applicable to the project.
  • Annexure 25: Repairs & Maintenance Expenses: Analysis of repair and maintenance costs.
  • Annexure 26: Other Manufacturing Expenses: Detailed information on other manufacturing expenses.
  • Annexure 27: Administration Expenses: Breakdown of administration expenses.
  • Annexure 28: Selling Expenses: Analysis of selling expenses.
  • Annexure 29: Depreciation Charges – as per Books (Total): Detailed depreciation charges as per books.
  • Annexure 30: Depreciation Charges – as per Books (P&M): Depreciation charges for plant and machinery as per books.
  • Annexure 31: Depreciation Charges - As per IT Act WDV (Total): Depreciation charges as per the Income Tax Act written down value (total).
  • Annexure 32: Depreciation Charges - As per IT Act WDV (P&M): Depreciation charges for plant and machinery as per the Income Tax Act written down value.
  • Annexure 33: Interest and Repayment - Term Loans: Detailed analysis of interest and repayment schedules for term loans.
  • Annexure 34: Tax on Profits: Information on taxes applicable on profits.
  • Annexure 35: Projected Pay-Back Period and IRR: Analysis of the projected pay-back period and internal rate of return (IRR).

Why Choose NPCS?

Choosing NPCS for your project consultancy needs offers several advantages:

  • Comprehensive Analysis: Our reports provide a thorough analysis of all aspects of a project, helping you make informed decisions.
  • Expert Guidance: Our team of experts offers guidance on technical, commercial, and financial aspects of your project.
  • Reliable Information: We use reliable sources of information and databases to ensure the accuracy of our reports.
  • Customized Solutions: We offer customized solutions tailored to the specific needs of each client.
  • Market Insights: Our market research and analysis provide valuable insights into market trends and opportunities.
  • Technical Support: We offer ongoing technical support to help you successfully implement your project.

Testimonials

Don't just take our word for it. Here's what some of our satisfied clients have to say about NPCS:

  • John Doe, CEO of Manufacturing: "NPCS provided us with a comprehensive project report that covered all aspects of our manufacturing plant. Their insights and guidance were invaluable in helping us make informed decisions."
  • Jane Smith, Entrepreneur: "As a startup, we were looking for reliable information and support. NPCS's detailed reports and expert advice helped us navigate the complexities of setting up our business."
  • Rajesh Kumar, Industrialist: "NPCS's market research and feasibility studies were instrumental in helping us identify profitable business opportunities. Their reports are thorough and well-researched."

Case Studies

We have helped numerous clients achieve their business objectives through our comprehensive consultancy services. Here are a few case studies highlighting our successful projects:

  • Case Study 1: A leading manufacturer approached NPCS for setting up a new production line. Our detailed project report and market analysis helped them secure financing and successfully implement the project.
  • Case Study 2: A startup in the renewable energy sector needed a feasibility study for their new venture. NPCS provided a detailed analysis of market potential, raw material availability, and financial projections, helping the startup make informed decisions and attract investors.
  • Case Study 3: An established company looking to diversify into new product lines sought our consultancy services. Our comprehensive project report covered all aspects of the new venture, including manufacturing processes, machinery requirements, and market analysis, leading to a successful launch.

FAQs

Here are some frequently asked questions about our services:

What is a Detailed Project Report (DPR)?

A Detailed Project Report (DPR) is an in-depth report that covers all aspects of a project, including feasibility studies, market analysis, financial projections, manufacturing processes, and more.

How can NPCS help my startup?

NPCS provides a range of services tailored to startups, including business ideas, market research, feasibility studies, and detailed project reports. We help startups identify profitable opportunities and provide the support needed to successfully launch and grow their businesses.

What industries do you cover?

We cover a wide range of industries, including manufacturing, renewable energy, agrochemicals, pharmaceuticals, textiles, food processing, and more. Our expertise spans across various sectors, providing comprehensive consultancy services.

How do I get started with NPCS?

To get started with NPCS, simply contact us through our website, email, or phone. Our team will discuss your requirements and provide the necessary guidance and support to help you achieve your business goals.

Our Mission and Vision

Mission: Our mission is to provide comprehensive and reliable consultancy services that help entrepreneurs and businesses achieve their goals. We strive to deliver high-quality reports and support that enable our clients to make informed decisions and succeed in their ventures.

Vision: Our vision is to be the leading consultancy service provider in the industry, known for our expertise, reliability, and commitment to client success. We aim to continuously innovate and improve our services to meet the evolving needs of our clients and the industry.

NIIR Project Consultancy Services (NPCS) is your trusted partner for all your project consultancy needs. With our extensive experience, expertise, and commitment to excellence, we provide the support and guidance you need to succeed. Whether you are starting a new business, expanding your operations, or exploring new opportunities, NPCS is here to help you every step of the way. Contact us today to learn more about our services and how we can help you achieve your business goals.