Note: This book is in Hindi Language
लघु व कुटीर उद्योग (स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़) 5th Revised Edition (Hindi Language)
प्रत्येक व्यक्ति के मन में उद्यमी बनने, सम्पत्ति कमाने, नाम कमाने तथा आत्मनिर्भर बनने की इच्छा होती है। मूलतः उद्यमी होने के लिए पाँच कसौटियाँ हैं। उद्यमी बनने का निर्णय करने पर इन कसौटियों को पार करने के लिए उचित 'अभ्यास' करना आवश्यक है। सम्पत्ति अर्जित करने के लिए लगन, स्वभाव और आचार में लचीलापन, व्यवसाय प्रक्रिया के रहस्य की जानकारी, उद्योग की श्रृंखला, परस्पर सम्बन्ध निर्माण करने की तैयारी तथा बिना थके, बिना निराश हुए कोशिश करते रहने की मानसिक - शारीरिक - सांस्कृतिक तैयारी। भारत जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था के विकास में लघु उद्योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लघु उद्योग स्थानीय संसाधनो का उचित / इष्टतम उपयोग द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के अवसर प्रदान करते है।
लघु उद्योग में हुए विकास ने आधुनिक तकनीक अपनाने तथा लाभकारी रोजगार में श्रम शक्ति का अवशोषण करने के लिए उद्यमशीलता की प्रतिभा का उपयोग करने को प्राथमिकता प्रदान की है जिससे उत्पादकता और आय के स्तर को बढ़ाया जा सके। लघु उद्योग उद्योगो के प्रसार तथा स्थानीय संसाधनों के उपयोग में सुविधा प्रदान करते हैं।
स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया
स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया, भारत के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिये सरकार द्वारा चलाया गया नया अभियान है। ये अभियान देश के युवाओं के लिये नये अवसर प्रदान करने के लिये बनाया गया है। ये पहल युवा उद्यमियों को उद्यमशीलता में शामिल करके बहुत बेहतर भविष्य के लिये प्रोत्साहित करेगी। ये पहल भारत का सही दिशा में नेतृत्व के लिये आवश्यक है।
स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना हैं जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़े | यह एक ऐसी योजना हैं जिसके तहत नये छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जायेगा जिसमे ऋण सुविधा, उचित मार्गदर्शन एवं अनुकूल वातावरण आदि को शामिल किया गया हैं।
हमारा उद्देश्य इस पुस्तक के माध्यम द्वारा उद्यमियों को लघु उद्योग शुरू करने संबंधी उपयोगी मार्गदर्शन एवं उन्हें मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की जानकारी प्रदान करना है। इस पुस्तक में लघु क्षेत्र में संचालित होने वाले ऐसे प्रमुख उद्योगों के विषय में हर वह जानकारी दी गयी है, जिसकी सहायता से कोई भी व्यक्ति सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
इस पुस्तक में वित्तीय परियोजना का विवरण दिया गया है और इन वित्तीय परियोजना के माध्यम से विभिन्न उद्योगो की उत्पादन क्षमता (Production Capacity), भूमि एवं भवन (Land & Building), मशीन एवं उपकरण (Machinery & Equipment) तथा कुल अनुमानित लागत (Estimated Capital Investment) आदि की जानकारी दी गयी है। साथ ही कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं (Raw Material Suppliers), संयंत्र और मशीनरी के आपूर्तिकर्ताओं (Plant & Machinery Suppliers) के पते तथा मशीनरी के चित्र (Machinery Photographs) दिए गए है जिससे उद्यमी ज्यादातार लाभ उठा सकें।
प्रस्तुत पुस्तक में उपलब्ध उद्योग इस प्रकार है :- लेखन सामग्री का उत्पादन, आयुर्वेदिक फार्मेसी, सौंदर्य व श्रृंगार प्रसाधन उद्योग, प्रिंटिंग इंक उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, आइस-क्रीम उद्योग, डेरी उद्योग, कन्फैक्शनरी उद्योग, मोमबत्ती उद्योग, वाशिंग डिटरजेंट पाउडर, पापड़, बड़ियां और चाट मसाला उद्योग, लैटेक्स रबड़ उद्योग, रबड़ की हवाई चप्पल बनाना, प्लास्टिक वस्तुओं का उत्पादन, पॉलीथीन शीट उद्योग, प्लास्टिक की थैलियां, पेपर पिन (आलपिन) तथा जेम-क्लिप बनाना, तार से कीलें बनाना, टीन के छोटे डिब्बे - डिब्बियां, कॉर्न फ्लेक्स, फलों व सब्जियों की डिब्बाबन्दी एवं संरक्षण, खिलौना और गुड़िया उद्योग, दियासलाई उद्योग, मसाला उद्योग, डबल रोटी उद्योग, इस्तेमाल किये गये इंजन ऑयल का पुनर्शोधन, ग्रीस उत्पादन, कटिंग ऑयल, एढैसिव उत्पादन उद्योग, मच्छर भगाने की क्रीम, सर्जिकल कॉटन, सर्जिकल बैंडेज उद्योग, होजरी उद्योग, रेडीमेड गारमेंट उद्योग, स्विच और प्लग उद्योग, ड्राई सैल बैटरी, बोल्ट एवं नट उद्योग, सोप एंड क्लीनर्स इंडस्ट्री, सिल्क स्क्रीन द्वारा कपड़ों पर छपाई, बिस्कुट उद्योग, चीनी उद्योग (खांडसारी), इलैक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री, टायर रिट्रीडिंग उद्योग, खाद्य रंगों का निर्माण, फलों और फूलों के एसेन्स, मक्खन और मसालों की सुगन्धें, चिप्स तथा वेफर्स, नूडल्स एवं सेवइयां, माल्ट फूड तथा माल्ट मिश्रित पेय, मक्का स्टार्च, पान मसाले तथा गुटके, सुगंधित जाफरानी ज़र्दा, किवाम तथा मसाले, हुक्के सुगन्धित तम्बाकू, नसवार पाउडर और पेस्ट, सूखी संरक्षित और डिब्बा बंद सब्जियां, सॉसेज, केचअप व अचार, दुग्ध पाउडर, घी, पनीर, कत्था निर्माण उद्योग, पेंट निर्माण उद्योग आदि ।
नये उद्यमियों, व्यवसायिओं, तकनीकी परामर्शदाताओं आदि के लिए यह पुस्तक अमूल्य मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
Laghu V Kutir Udyog (Small Scale Industries) 4th Revised Edition (Hindi Language)
The small scale sector is assuming greater importance every day. Hundreds of thousands of people start their own businesses every year, and untold more dream about the possibility of becoming their own bosses. While entrepreneurship has its many potential rewards, it also carries unique challenges. Entrepreneurship is an act not a born tact, you need to understand the environment to set up an enterprise of you own. Setting up a business requires many things like understanding yourself, understanding market and availing funds are certain basic things that one must mandatorily know before making a business decision. Entrepreneurship helps in the development of nation.
A successful entrepreneur not only creates employment for himself but for hundreds. Deciding on a right project can lead you to the road to success. But it is a perception that for owning a business you should have handsome amount of money. Now it is possible with small scale business. An entrepreneur requires a continuous flow of funds not only for setting up of his/ her business, but also for successful operation as well as regular up gradation/ modernization of the industrial unit. To meet this requirement, the Government (both at the Central and State level) has been undertaking several steps like setting up of banks and financial institutions; formulating various policies and schemes, etc. All such measures are specifically focused towards the promotion and development of small and medium enterprises. In both developed and developing countries, the Government is turning to small and medium scale industries and entrepreneurs, as a means of economic development and a veritable means of solving problems. It is a seedbed of innovations, inventions and employment. You do not need to be a genius to run a successful small business, but you do need some help. And that is exactly what this book is, a guide into the stimulating world of small business ownership and management. The book contains the aspects to plan any business strategy step by step.
Startup India Stand up
Our Prime Minister unveiled a 19-point action plan for start-up enterprises in India. Highlighting the importance of the Standup India Scheme, Hon’ble Prime minister said that the job seeker has to become a job creator. Prime Minister announced that the initiative envisages loans to at least two aspiring entrepreneurs from the Scheduled Castes, Scheduled Tribes, and Women categories. It was also announced that the loan shall be in the ten lakh to one crore rupee range.
A startup India hub will be created as a single point of contact for the entire startup ecosystem to enable knowledge exchange and access to funding. Startup India campaign is based on an action plan aimed at promoting bank financing for start-up ventures to boost entrepreneurship and encourage startups with jobs creation.
Startup India is a flagship initiative of the Government of India, intended to build a strong ecosystem for nurturing innovation and Startups in the country. This will drive sustainable economic growth and generate large scale employment opportunities. The Government, through this initiative aims to empower Startups to grow through innovation and design.
What is Startup India offering to the Entrepreneurs?
Stand up India backed up by Department of Financial Services (DFS) intents to bring up Women and SC/ST entrepreneurs. They have planned to support 2.5 lakh borrowers with Bank loans (with at least 2 borrowers in both the category per branch) which can be returned up to seven years.
PM announced that “There will be no income tax on startups’ profits for three years”
PM plans to reduce the involvement of state government in the startups so that entrepreneurs can enjoy freedom.
No tax would be charged on any startup up to three years from the day of its establishment once it has been approved by Incubator.
The book contains addresses of raw material suppliers, plant & machinery suppliers and more aspects that will help start and maintain a new business. Some of the important project described in the book are incense stick, cosmetic & toiletries, printing ink industry, ice cream, dairy industry (cheese, cream, butter etc.), confectionery industry, candle manufacturing, washing detergent powder, polythene sheet, green peas canning, adhesive manufacturing industry, surgical cotton etc.
The identification of a suitable project within the investment limit of a new entrepreneur is very difficult. The present book strives to meet this specific entrepreneurial need. The book contains processes formulae, brief profiles of various projects which can be started in small investment without much technical knowledge at small place. This is very useful publication for new entrepreneurs, professionals, libraries etc.
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