डबल/रोटी निर्माण को बेकरी उद्योग कहा जाता है। भारत में इस उद्योग का खाद्य संसाधन उद्योग के औद्योगिक क्रियाकलापों में महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह उद्योग बड़े-बड़े शहरों, कस्बों तथा गाँवों में भी बड़ी संख्या में फैल चुका है। आज के समय में डबल रोटी बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता हो गया है। इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन बहुत तेजी से बढ़ रहा है, खास करके बच्चों के लिए तो यह एक बहुत उपयुक्त खाद्य पदार्थ होता है क्योंकि यह खाने में स्वादिष्ट एवं सुपाच्य होता है। इसके अतिरिक्त जिस क्षेत्रा में गेहूं का आटा या मैदा उपभोग करने का प्रचलन नहीं है, वहां के लिए डबल रोटी या टोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। डबल रोटी-टोस्ट एक वर्तमान समय में देश में पौष्टिक भोजन की आपूर्ति की ओर लोगों में काफी जागरुकता उत्पन्न हो रही है, जिससे बेकरी उद्योग का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह उद्योग देश के सामाजिक उत्थान के अलावा आर्थिक उत्थान में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। अतः यह उद्योग देश की गरीबी दूर करने तथा अच्छी संस्था में लोगों को रोजगार मुहैया करने में काफी हद तक सहायक हो सकता है। इस उद्योग की शुरूआत कम पूंजी लगा कर की जा सकती है।
मार्किट सर्वेक्षण
डबल रोटी मूलतः सामान्य उपभोग की वस्तु है। सामाजिक जागरूकता तथा रहन-सहन के स्तर में वृद्धि होने के साथ तैयार खाद्य पदार्थों की मांग में वृद्धि होने लगी है। वर्तमान में ग्रामीण विकास के अन्तर किए जा रहे ग्रामीण उद्योगों में बेकरी उद्योग भी प्रमुख हैं तथा भविष्य में इसकी मांग कई गुना बढ़ने की संभावना है। गाँवों तथा पिछड़े क्षेत्रों में बेकरी उत्पादन के विकास की काफी सम्भावना है क्योंकि गाँवों में ही पैदा होने वाला गेहूँ मुख्य रूप से डबल रोटी तथा अन्य बेकरी उद्योगों में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है। इसी कारण सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में वहाँ उत्पादित होने वाले कच्चे माल पर आधारित उद्योगों को विशेष सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। जिससे लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिल सके।